

किसान नेता नेता राकेश टिकैत
मुज़फ्फरनगर: किसान नेता के नेता राकेश टिकैत को अपने ही गृह जिले मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पहलगाम आतंकी हमले से संबंधित उनकी टिप्पणी के खिलाफ हिंदू संगठनों ने उनका जोरदार विरोध किया। राकेश टिकैट ‘वापस जाओ’ के लगे नारे और उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई जिसमें उनकी पगड़ी छिटककर गिर गई। टिकैत के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को किसान नेता को वहां से बाहर निकालना पड़ा। हालांकि, टिकैत सुरक्षित हैं और उन्हें कोई चोट नहीं आई है।
राकेश टिकैत के खिलाफ नारेबाजी
जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हिंदू संघर्ष समिति के तत्वाधान में कई हिंदू संगठनों ने मिलकर पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ जन आक्रोश रैली का आयोजन किया था। इस दौरान रैली में बिना बुलाए राकेश टिकैत पहुंचे तो लोग विरोध करने लगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि जन आक्रोश पूरे देश की है, ना कि किसी एक पार्टी की। गुस्सा सब में हैं। हम भी उसी में हैं। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि इसका जवाब हम देंगे। जल्द ही मुजफ्फरनगर में ट्रैक्टर मार्च निकालना पड़ेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ लोग नए हिंदू बने हैं। कुछ लोग हैं जो देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
किसान नेता की जमकर हुई हूटिंग
किसान नेता ने कहा कि यह प्री प्लान के तहत हुआ। कुछ पार्टियों के लोग विरोध कर रहे थे। अगर जनता का होता तो इस तरह का कोई विरोध नहीं करता। इस घटना के बारे एसपी सिटी ने बताया कि मुजफ्फरनगर में पहलगाम घटना के विरोध में कुछ संगठनों द्वारा जन आक्रोश रैली निकालने का कार्यक्रम प्रस्तावित था। जिसमें पर्याप्त पुलिस बल तैनात की गई थी। जब जन आक्रोश रैली में किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे तो वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने उनका विरोध किया। उनकी हूटिंग की गई।
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना
इस घटना की सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कड़ी निंदा की है। एक्स पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसी एक किसान नेता की ही नहीं बल्कि हर एक किसान की पगड़ी उछाली है। चौधरी चरण सिंह जी ने जीवन भर किसानों के मान-सम्मान की जो लड़ाई लड़ी, ये हमला उनकी उन ऐतिहासिक कोशिशों पर भी हुआ है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले पर एक बयान जारी कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया था। कथित तौर पर उन्होंने कहा था कि असली अपराधी वे लोग हैं जो भारत के भीतर हिंसा से लाभान्वित हो रहे हैं।
रिपोर्ट- योगेश त्यागी